जब रिक्त हो अंतस तक कोई जन,और भीतर तक भरना चाहे मन,तब केवल एक तरीका हो,पढ़ डालो लिखा सरीखा जो,नज़रों के पोरों से छू लो,पन्नों पर लिखे कथानक को,फिर अक्षर दर अक्षर खोलो,हर कथा के किरदारों का ज़हन……. तुम पढ़ो कि तुम भी जान सको,किस अनहोनी पर शर्मिंदा हैं,इसलिए पढ़ो कि जान सको,किनके बलिदान से […]
‘Besharam’ is a non-fiction book by Taslima Nasreen that provides a critical analysis of women’s rights, patriarchy, and the feminist movement in India and Bangladesh. The novel “Besharam” is not a direct sequel of the novel “Lajja,” but it can be seen as a continuation or reflection of certain aspects of “Lajja.” The central character […]
ऐसा तो कुछ नहीं जो साधारण परिवार में जन्में बच्चे अपने माता-पिता से या सम्पर्क में आए किसी अपने से न सुन पाया हो। हाँ, लेकिन जैसे पहनावे, भाषा, व्यवहार आदि विषयों में एक फ़ॉर्मल तरीका होता है, इस किताब में उन्हीं सारी बातों, विचारों, आदतों, तरीकों को पर्यवेक्षण के साक्ष्यों के आधार पर भाषा […]
सीपियों की गोद में, बूँद सी सदा पली, नीर को निखारकर, एक नदी में हूँ ढ़ली, उफ़ान में हुंकार हूँ, उतार में झंकार सी, सतह पर उतरी जो मैं, कश्ती कई उबार दी, मोतियों को गर्भ के असीम अंत में रखा, तरंग के उछाल ने वितान शीर्ष भी चखा, सजा दिए, तो बस्तियों के छोर […]
बारहवाँ रस, सत्रहवाँ शृंगार होना चाहिए, अब कुछ अलग सा प्रेम का संसार होना चाहिए जो सभी ने है सुना, लिख, कह गए शायर सभी, उन कल्पनाओं से इतर, सच-द्वार होना चाहिए,l अब कुछ अलग सा प्रेम का संसार होना चाहिए छरहरा न भी ये तन हो, रूप में लावण्य कम हो, सौंदर्य के प्रतिमानों […]